Untitled

डाकिया
हांफता है
धूल झाड़ता है
चाय के लिए मना करता है

डाकिया
अपनी चप्पल
फिर अंगूठे में संभालकर
फँसाता है

और, मनीआर्डर के रुपये
गिनता है.

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