Untitled

गाय तो मातु है अपनी इसे चाहेंगे हम सारे
बहाए दूध की धारा इसे पालेंगें हम सारे
करो उपयोग गोबर का है इसका मूत्र तक अमृत
...वैतरणी पार ले जाये इसे पूजेंगें हम सारे ...........

इसे रब नें बनाया है बहुत ही पाक लगती ये
हमें सेहत की दुनिया में सदा आबाद रखती ये
जहन्नुम में सदा जाता जो इसकी गोकुशी करता
उसे सौंपे ये जन्नत ही जिसे आशीष देती ये .........

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